प्रमुख अधिकारी: भारतीय नौसेना का नेतृत्व चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (CNS), एक चार-स्टार एडमिरल करते हैं, जो रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय से संचालन और प्रशासनिक नियंत्रण संभालते हैं65।
ईस्टर्न नेवल कमांड (विशाखापत्तनम): बंगाल की खाड़ी में संचालन।
सदर्न नेवल कमांड (कोच्चि): मुख्य रूप से प्रशिक्षण कमांड।
यूनिफाइड कमांड: अंडमान और निकोबार कमांड (पोर्ट ब्लेयर) एकमात्र त्रि-सेवा कमांड है, जिसमें थल सेना, वायुसेना और तटरक्षक बल भी शामिल हैं56।
शाखाएँ और क्षमताएँ
शाखा/क्षेत्र
विवरण
नेवल एयर आर्म
MiG-29K जेट, हेलिकॉप्टर (Kamov-31, Sea King, Ka-28, ALH Dhruv), Boeing P-8I, Ilyushin-38, UAVs (Heron, Searcher-II) समुद्री गश्त, टोही, पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए5।
फ्लीट्स
वेस्टर्न फ्लीट (मुंबई), ईस्टर्न फ्लीट (विशाखापत्तनम) – दोनों नौसेना की युद्धक क्षमता की रीढ़ हैं6।
फ्लोटिला
मुंबई, विशाखापत्तनम, पोर्ट ब्लेयर – स्थानीय नौसैनिक रक्षा के लिए।
विशेष बल (MARCOS)
समुद्री कमांडो, विशेष अभियान, आतंकवाद विरोध, बंधक बचाव, जल-थल युद्ध में विशेषज्ञ5।
रैंक संरचना (Commissioned Officers)
रैंक
पदक्रम (Seniority)
Admiral
1
Vice Admiral
2
Rear Admiral
3
Commodore
4
Captain
5
Commander
6
Lieutenant Commander
7
Lieutenant
8
Sub Lieutenant
9
Midshipman
10
आधुनिकीकरण और विस्तार
स्वदेशी निर्माण: 2025 तक, नौसेना के पास 64 जहाज निर्माणाधीन हैं, जिनमें विध्वंसक, फ्रिगेट, कोर्वेट, पनडुब्बियाँ आदि शामिल हैं। 2050 तक 200 जहाज और 500 विमान का लक्ष्य है10।
नई शामिलियाँ: जनवरी 2025 में INS नीलगिरी (फ्रिगेट), INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), और INS वाघशीर (पनडुब्बी) को शामिल किया गया, जो पूरी तरह से भारत में बनी हैं11।
पनडुब्बी आधुनिकीकरण: प्रोजेक्ट 75 के तहत स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियों का निर्माण और भविष्य में स्वदेशी पनडुब्बियों पर जोर7।
एयरक्राफ्ट कैरियर: INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य के लिए 26 राफेल मरीन फाइटर जेट्स की खरीद का समझौता अप्रैल 2025 में हुआ10।
भविष्य की दिशा
स्वदेशीकरण: भारत अब ‘बिल्डर नेवी’ के रूप में विकसित हो रहा है, जहाँ अधिकांश युद्धपोत और पनडुब्बियाँ देश में ही बन रही हैं1011।
लिंग समावेशन: नए जहाजों में महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं11।
रणनीतिक विस्तार: नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए सतह, पनडुब्बी और हवाई ताकत का संतुलित उपयोग कर रही है710।
निष्कर्ष
भारतीय नौसेना एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी-आधारित और स्वदेशी रूप से विकसित तीन-आयामी बल है, जो राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संगठन, शाखाओं, आधुनिकीकरण और भविष्य की योजनाओं के साथ, यह विश्व की सबसे प्रभावशाली नौसेनाओं में शामिल है।
We’re financial content writers who break down market insights into simple ideas. We help clients share the right financial strategies and trading tips with their audience for meaningful impact.
Leave a Reply